बच्चे रोते क्यूँ है Why infant cry

why infant cry

बच्चे रोते क्यूँ है Why infant cry

नवजात शिशु के माता-पिता के लिए यह समझना चुनौतीपूर्ण हो सकता है कि बच्चा क्यों रो रहा है। क्योंकि शिशु बोल नहीं सकते, वे रोकर अपनी भावनाएं और ज़रूरतें बताते हैं। अगर आप उनके रोने के अलग-अलग तरीकों को समझ लें, तो आप आसानी से जान सकते हैं कि उन्हें क्या चाहिए। इस ब्लॉग में हम शिशु के रोने के मुख्य कारणों को जानेंगे और उन्हें शांत करने के कुछ आसान उपायों पर बात करेंगे।

भूख लगने पर रोना

शिशु अक्सर भूख लगने पर रोते हैं, और यह नवजात शिशुओं में सबसे आम कारण होता है।

  • रोने की आवाज़ कैसी होती है: यह एक लयबद्ध और बार-बार आने वाली आवाज़ होती है, जो समय के साथ तेज़ और ज़्यादा ज़ोर से होती जाती है।
  • अन्य संकेत: शिशु अपने हाथों को चूसने लगते हैं, सिर को स्तन या बोतल की ओर मोड़ते हैं, या होंठ चबाने की कोशिश करते हैं।
  • कैसे प्रतिक्रिया दें: शिशु को दूध पिलाने से यह रोना जल्दी बंद हो जाता है, खासकर अगर ये संकेत भी दिख रहे हों।

नींद नहीं आने पर रोना

जब शिशु थके होते हैं और सोने की कोशिश कर रहे होते हैं, लेकिन सो नहीं पाते, तब वे परेशान हो सकते हैं।

  • रोने की आवाज़ कैसी होती है: यह एक धीमी और कराहने जैसी आवाज़ होती है, जो समय के साथ तेज़ हो सकती है।
  • अन्य संकेत: आँखें मसलना, जम्हाई लेना, या कुछ समय के लिए आँखें बंद करना और फिर खोल लेना।
  • कैसे प्रतिक्रिया दें: एक शांत और अंधेरे वातावरण में ले जाकर शिशु को सुलाने में मदद करें। उन्हें गोद में लेकर झुलाने या धीरे-धीरे थपकी देने से भी शिशु आराम महसूस करेंगे।

किसी तकलीफ़ या दर्द की वजह से रोना

कभी-कभी शिशु इसलिए रोते हैं क्योंकि उन्हें किसी तरह की शारीरिक परेशानी हो रही होती है, जैसे गीला डायपर, तंग कपड़े या तापमान में असुविधा।

  • रोने की आवाज़ कैसी होती है: एक तीखी, तेज़ और कष्टदायक आवाज़, जिसे अनदेखा करना मुश्किल होता है।
  • अन्य संकेत: पीठ को मोड़ना, शरीर को हिलाना, या कानों या कपड़ों को खींचना।
  • कैसे प्रतिक्रिया दें: गीले डायपर, तंग कपड़े या ठंडा/गर्म वातावरण जैसी असुविधाओं की जांच करें। समस्या हल होते ही शिशु जल्दी शांत हो जाते हैं।

गैस की परेशानी की वजह से (Colic or gas pan cry)

कोलिक की समस्या से पीड़ित शिशु लंबे समय तक, विशेष रूप से शाम के समय, जोर-जोर से रोते हैं।

  • रोने की आवाज़ कैसी होती है: एक तीखी, लंबी और अनियंत्रित आवाज़, जो शांत नहीं होती।
  • अन्य संकेत: शिशु अपने पैरों को पेट की ओर खींचते हैं, पेट फूला हुआ लगता है, या गैस निकलने के संकेत होते हैं।
  • कैसे प्रतिक्रिया दें: शिशु के पेट की धीरे-धीरे मालिश करें या पैरों को साइकल चलाने जैसी गति में घुमाएं। दूध पिलाने के बाद शिशु को सीधा बिठाने और डकार दिलाने से भी गैस की समस्या कम हो सकती है।

अधिक उतेजना युक्त वातावरण की वजह से

शिशु ज्यादा रोशनी, आवाज़ या गतिविधियों से जल्दी परेशान हो जाते हैं।

  • रोने की आवाज़ कैसी होती है: हल्की बड़बड़ाहट से शुरू होकर धीरे-धीरे तेज़ हो जाती है।
  • अन्य संकेत: शिशु चमकदार रोशनी या तेज़ आवाज़ से दूर मुंह फेरते हैं, या बेचैन होते हैं।
  • कैसे प्रतिक्रिया दें: शिशु को एक शांत, कम रोशनी वाले स्थान पर ले जाएं। शांति से थपकी देना या सफेद शोर (व्हाइट नॉइज़) का इस्तेमाल करना भी मदद कर सकता है।

सांत्वना या गोद की ज़रूरत महसूस होने पर

शिशु को केवल भोजन या सफाई की ज़रूरत नहीं होती, उन्हें भावनात्मक सुरक्षा और सांत्वना भी चाहिए होती है।

  • रोने की आवाज़ कैसी होती है: एक नरम, बीच-बीच में आने वाली आवाज़, जो ध्यान न मिलने पर बढ़ जाती है।
  • अन्य संकेत: शिशु आपकी ओर हाथ बढ़ाते हैं या आपको ढूंढते हैं।
  • कैसे प्रतिक्रिया दें: शिशु को गोद में लेकर उन्हें प्यार से सहलाएं या उनसे धीरे-धीरे बातें करें। कभी-कभी केवल आपके पास होने से ही शिशु शांत हो जाते हैं।

बीमार होने पर

अगर शिशु बीमार होते हैं, तो उनका रोना सामान्य से अलग हो सकता है।

  • रोने की आवाज़ कैसी होती है: एक कमजोर, कराहने जैसी आवाज़, जो उर्जा में कम महसूस होती है।
  • अन्य संकेत: भूख में कमी, सुस्ती, या व्यवहार में बदलाव, जैसे चिड़चिड़ापन या बहुत अधिक सोना।
  • कैसे प्रतिक्रिया दें: बुखार, खांसी, या उल्टी जैसे लक्षणों की जांच करें। अगर आपको चिंता हो, तो बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।

शिशु के रोने को समझना कभी-कभी मुश्किल हो सकता है, लेकिन धैर्य और ध्यान से माता-पिता उनके रोने के कारणों को समझ सकते हैं। हर बच्चा अनोखा होता है, और समय के साथ माता-पिता अपनी संतान की विशेष ज़रूरतों को पहचानने में माहिर हो जाते हैं। शिशु के रोने की आवाज़ और उनके साथ जुड़े संकेतों को ध्यान में रखते हुए, माता-पिता अधिक आत्मविश्वास के साथ अपने बच्चे की देखभाल कर सकते हैं और उनके साथ एक गहरा जुड़ाव बना सकते हैं।

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